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पर परागण के लिए पौधों में अनुकूलनों को लिखें।

Class 12th के लिए biology ke अति महत्वपूर्ण प्रश्न और उसके उत्तर

प्रश्न:-  पर परागण के लिए पौधों में अनुकूलनों को लिखें।

 उत्तर :- पर परागण के लिए पौधों में अनुकूलन (Contrivances of cross pollination):-

1. एकलिंगता (Dicliny) : - एक लिंगी फूलों में पर परागण ही होता है। ऐसे पौधे में परागण का यही एक साधन है।

2. स्वयंबंध्यता (Self-sterility) :- जब एक फूल के जायांग का वर्तिकाग्र उसी फूल के परागकण से परागित नहीं होता है तो उस अवस्था को स्वयंबंध्यता कहते हैं। जैसे-आलू, मटर ।

3. भिन्नकालपक्वता (Dichogamy) : - जब द्विलिंगी फूल के पुंकेसर एवं वर्तिकाग्र भिन्न-भिन्न समय पर परिपक्व होते हैं उसे भिन्नकालपक्वता कहते हैं। ऐसे फूल में पर परागण की ही क्रिया होती है। यह दो प्रकार की होती है:-

(a) पुंपूर्वता (Protandry):- जब फूल में परागकोष पहले परिपक्व होता है। तो इस अवस्था को पुपूर्वता कहते हैं। जैसे-सूर्यमूखी 

(b) स्त्रीपूर्वता (Prologyny) :-  इसमें पहले बीजांड (ovule) परिपक्व होता है। 

4. उभयलिंगता (Herkogamy):-  कुछ फूलों में परागकोष तथा वर्तिका के बीच कुछ प्राकृतिक अवरोध होता है जिसके कारण स्वरागण की क्रिया बाधित होती है।

5. विषम वर्तिकात्व (Heterostyly):-  कुछ फूलों में वर्तिका और परागकोष विभिन्न लम्बाई, रचना और स्थिति के होते हैं, ऐसी स्थिति में पर परागण की क्रिया ही होती है। परागण के द्वारा परागकण वर्तिका पर आते हैं। यहाँ पर वे अंकुरित होते हैं। इसके फलस्वरूप परागणनली (pollen tube) का निर्माण होता है। परागकण में पहले से ही दो कोशिकाएँ होती है जिन्हें कायिक कोशिका (Vegetative cell) एवं जनन कोशिका (generative cell)कहते हैं। जनन कोशिका आरंभ में कायिक कोशिका की भिति से जुड़ी रहती है। यह बाद में अलग होकर तर्कु की आकृति (spindle shaped) का हो जाती है और कायिक कोशिका के कोशिकाद्रव (cytoplasm) में स्वतंत्र रूप से रहती है।

प्रश्न 2.डाउन्स सिन्ड्रोम तथा क्लाइनफेल्टर्स सिंड्रोम पर टिप्पणी लिखें।

उत्तर :- a) डाउन्स सिन्ड्रोम (Down's Syndrome) :-

# जब मनुष्य के 21वीं जोड़े के क्रोमोसोम में एक क्रोमोसोम की वृद्धि हो जाती है तो उसे डाउन्स सिंड्रोम कहते हैं।

# यह ट्राइसोमी (2n+1) का उदाहरण है यह इस प्रकार के रोगी के प्रत्येक कोशिका में 47 क्रोमोसोम होता है।

# मानव कोशिका का 21वाँ क्रोमोसोम सबसे छोटा होता है। ऐसे रोगी मंदबुद्धि के होते हैं।

# बच्चों में यह रोग होता है। ऐसे बच्चे 8-12 वर्ष की उम्र तक जीवित रहते हैं।

b) क्लाइनफेल्टर्स सिंड्रोम (Klinefelter's Syndrome) :- #यह भी ट्राइसोमी 2n+1) का उदाहरण है।

# इसमें लिंग क्रोमोसोम में एक 'X' की वृद्धि हो जाती है। जिसके कारण मानव कोशिका में 47 क्रोमोसोम (2A+xxy) होते हैं।

# यह लक्षण पुरुषों में पाया जाता है जो देखने में सामान्य लगते हैं लेकिन इसमें मादा के लक्षण भी पाये जाते हैं, जैसे स्त्री की तरह वक्ष की वृद्धि । ऐसे पुरुष बाँझ होते हैं जिसमें शुक्राणु बहुत कम पाया जाता है।

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