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हिंदी शायरी

           
                    आशिकी    
                   ...... असलम रेजा
                                     
तेरा हुस्न लाजवाब, मेरा इश्क बेमिसाल !
कर दे ना मुझे, मेरा बुरा हाल ।
रात गुजरे मेरी ,तुझे ही याद करके,
पहली सुबह की किरण ,तेरे लिए ही तड़पे,
तेरे लिए ओ ! मेरी लैला ,
बन जाऊं ना मैं मजनू ! देख कर तेरा शबाब।
तेरा हुस्न लाजवाब , मेरा इश्क बेमिसाल 
कर दे ना मुझे मेरा बुरा हाल ।
आहट तेरी पा के ,धड़के है मेरा दिल ।
  तेरी एक झलक पाकर ,हो जाओ ना मैं पागल 
नजरे करम से तेरी, दिल को है सुकून ।
 चाहत में तेरी, हो गया हूं मैं कामिल ।
चाहू ना किसी से कोई और जवाब,
 तेरा हुस्न लाजवाब ,मेरा इश्क बेमिसाल
 कर देना मुझे मेरा बुरा हाल.......

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